Thursday, September 9, 2010

मेरी दु‌आ...

 मेरी दु‌आ है तेरी आरजु बदल जा‌‌ए


तेरी दुआ से कजा तो बदल नही‌‌ सकती
मगर है ईससे ये मुमकीन की तु बदल जाए


तेरी खुदी मे अगर इनकलाब हो पैदा
अजब नही के ये चार सो बदल जाए


वही शराब वही हया अो हु रहे बाकी
तरीक-ए-सबिक अो रस‌मे कदो बदल जाए


 तेरी दु‌आ है की हो तेरी आरजु पुरी
मेरी दु‌आ है तेरी आरजु बदल जा‌‌ए

अलामा ईकबाल

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